
मैंने माना हक़ीक़त में तुम नहीं शामिल
पर मेरे सपनो मैं तेरा आना जाना है
मानो या न मनो तुम को भी है हमसे
इत्तफ़ाक़ ये बड़ा पुराना है
रूह तक जो आती है ऐसे महक हो तुम
तुम्हारे लबो पे हो या न
मेरी साँसों में नाम तुम्हरा है
हर आह पे तेरी याद आये इस तरह से तू हमारा है
न तुझ से कोई शिकायत हम को
तूने कभी कहा ही नहीं
ये सारा का सारा कसूर हमारा है
तुझ को खुद से भी बढ़के चाहा की यह
इलज़ाम इश्क़ हमारा है
Hummmm kya bat he,bahot khoob
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